⛤बंसी वाले के चरणों में सर हो मेरा
फिर ना पुछो के उस वक्त क्या बात है
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा
फिर ना पुछो की कैसी मुलाकात है
सारे जहाँ का पुन्य मिले इस दर पे शीश झूकाने में,मजा कहाँ वो जीने में जो मजा यहाँ मर जाने में जय जय श्री राधे⛤
फिर ना पुछो के उस वक्त क्या बात है
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा
फिर ना पुछो की कैसी मुलाकात है
सारे जहाँ का पुन्य मिले इस दर पे शीश झूकाने में,मजा कहाँ वो जीने में जो मजा यहाँ मर जाने में जय जय श्री राधे⛤
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